Rangbhari Ekadashi 2023: इस रंगभरी एकादशी पर बन रहे है बेहद शुभ योग, जानें महत्व और उपाय
- By Sheena --
- Tuesday, 28 Feb, 2023
Rangbhari Ekadashi 2023 know the date and significance upay
Rangbhari Ekadashi 2023: होली से पहले आने वाली एकादशी को रंगभरी एकादशी कहते हैं और इस बार यह शुभ तिथि 3 मार्च 2023, शुक्रवार को मनाई जाएगी। रंगभरी एकादशी हर वर्ष फाल्गुन मास के शुभ पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इस साल की रंगभरी एकादशी बेहद खास है क्योंकि इस दिन सौभाग्य, शोभन और सर्वार्थ सिद्धि जैसे बेहद शुभ माने गए महायोग बन रहे हैं। रंगभरी एकादशी को आमलकी एकादशी भी कहते हैं क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ आंवले के पेड़ की पूजा भी की जाती है। वहीं काशी में रंगभरी एकादशी से होली की शुरुआत होती है और भगवान शिव-माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। आपको बतादें कि जिस तरह से होलाष्टक से होली की शुरुआत हो जाती है, उसी तरह काशी में रंगभरी एकादशी से होली की शुरुआत हो जाती है। आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी का महत्व और उपाय।
रंगभरी एकादशी का महत्व
रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले की भी पूजा की जाती है और भगवान शिव को अबीर गुलाल लगाया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव माता पार्वती को पहली बार काशी रंगभरी एकादशी पर ही लेकर आए थे। भगवान शिव और माता पार्वती का स्वागत लोगों ने रंग और गुलाल उड़ाकर किया था और चारों तरफ खुशियां मनाई थीं। इस वजह रंगभरी एकादशी के दिन काशी में रंगों का उत्सव मनाया जाता है।
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रंगभरी एकादशी के उपाय कुछ इस तरह है
कुंडली के ग्रह दोष दूर करने का उपाय
रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करें और 21 बेलपत्र पर सफेद चंदन लगाकर अर्पित करें। साथ ही गुलाल-अबीर भी अर्पित करें और फिर शिव चालीसा का पाठ करें।
किस्मत का साथ पाने का उपाय
रंगभरी एकादशी का व्रत रखें और आंवले के पेड़ की पूजा करें। फिर 9 परिक्रमा करके गुलाल अर्पित करें। आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर ही विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और आंवला दान करें। हर काम में किस्मत का साथ मिलेगा और तेजी से तरक्की मिलेगी।
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इस उपाय से अखंड सौभाग्य की होती है प्राप्ति
रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव का कच्चा दूध और गंगाजल अर्पित करने के बाद सफेद चंदन से श्रृंगार करें, फिर बेलपत्र और भांग चढ़ाएं। वहीं माता पार्वती को श्रृंगार का सामान समेत सिंदूर अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती पर अबीर गुलाल अर्पित करें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। बाद में श्रृंगार के सामान को जरूरतमंद सुहागिन महिला को जरूर दे दें।